किसानों को भारत की रीड कहा जाता है लेकिन आज भी किसान सिंचाई के लिए या तो महंगी बिजली पर निर्भर हैं या डीजल जैसे खर्चीले ईंधनों पर। इसी कारण से किसानों को खेती करने में सिंचाई की लागत ज्यादा लग रही है और मुनाफा घटता जा रहा है। ऐसे में भारत सरकार ने किसानों की इस समस्या का स्थायी समाधान निकालते हुए PM-KUSUM Yojana की शुरुआत की है। यह योजना केवल बिजली की समस्या का हल नहीं करती, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और पर्यावरण की रक्षा करने की दिशा में भी एक बड़ा मोका मिलता है।

PM-KUSUM Yojana क्या है?
PM -KUSUM yojna:- यह योजना सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई गई एक नई पहल है, जिसका उद्देश्य है किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ना। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप, सोलर पैनल, और यहां तक कि छोटे सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इससे ना केवल सिंचाई की बिजली मुफ्त में मिलती है, बल्कि किसान अपनी अतिरिक्त बिजली को बिजली विभाग को बेचकर आमदनी भी कमा सकते हैं। यह योजना किसानों के लिए एक नई ऊर्जा क्रांति साबित हो रही है। जिससे किसानों को न सिर्फ बिजली का खर्चा बचेगा बल्की किसान अतिरिक्त बिजली से अपना नया व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
PM-KUSUM Yojana का उद्देश्य
इस योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य है किसानों को आर्थिक रूप सशक्त बनाना और उन्हें खेती के लिए स्वतंत्र ऊर्जा स्रोत देना। जब किसान को सिंचाई के लिए बिजली या डीजल की चिंता नहीं होगी, तब वह बेहतर खेती पर ध्यान दे पाएगा। साथ ही, यह योजना ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देती है जिससे प्रदूषण भी कम होता है। यानी ये योजना किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ देश के पर्यावरण की रक्षा करने में भी मदद करती है। इस योजना से न सिर्फ किसानों को मुनाफा होगा। बल्की किसानों की आय में भी वर्दी होगा। जिससे किसान बिना किसी दर के ज्यादा विस्तार मे खेती कर पाएगा।
योजन के प्रमुख भाग और विशेषताएं
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना को तीन प्रमुख भागों में बांटा गया है ताकि हर तरह के किसानों को लाभ मिल सके।
- Component A में किसान अपनी बंजर या अतिरिक्त जमीन पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली बेच सकते हैं और पैसे कमा सकते है
- Component B के तहत डीजल पंप की जगह स्टैंडअलोन सोलर पंप दिए जाते हैं।
- Component C मौजूदा बिजली पंप को ग्रिड से जुड़ने वाले सोलर पंप में बदलता है।इस तरह यह योजना हर छोटे-बड़े किसान के लिए लाभकारी है।
सब्सिडी और योजना का लाभ
हिंदी की बात की जाए तो यह योजना किसानों के लिए किसी उपहार से काम नहीं है। इस योजना के तहत सरकार कुल लागत का 60% अनुदान (सब्सिडी) देती है। इसके साथ ही 30% बैंक लोन सुविधा भी देती है। जिसे केवल 10% राशि ही किस को खुद देनी पड़ती है। जिससे किसानों का आर्थिक बोझ भी हल्का होता है। बल्की सौर ऊर्जा से बिजली प्राप्त होने के कारण खेती की लागत में भी कमी आती है। यदि किसान बिजली को बेचता है तो उससे भी वह कमाई का नया साधन शुरू कर कर सकता है।
योजना के लिए पात्रता
इस योजना के आवेदन के लिए पात्रता भी काफी आसान और सीधी है। इस योजना की पात्रता के लिए देश का कोई भी किसान जो खेती करता हो जिसके पास खुद की जमीन हो वह किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है। किसानों के पास पहले से ही डीजल और बिजली पंप उपलब्ध हो तो वह किसान बड़ी आसानी से योजना के लिए आवेदन कर सकता है। साथ ही कृषि समितियां, पंचायतें, और सहकारी संस्थाएं भी इस योजना के लिए पात्र हैं। यानी सरकार ने कोशिश की है कि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।
योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए आवेदन करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और पारदर्शी बना दिया गया है। किसान को केवल अपने राज्य की ऊर्जा या कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होता और वह “PM-KUSUM Yojana” फॉर्म लिंक पर क्लिक करके फॉर्म open करना होता है जहा पर मांगी गया सारी जानकारी सही से भरना अनिवार्य होता है। इसके साथ जरूरी दस्तावेज जैसे – आधार कार्ड, जमीन के कागज़ और बैंक की जानकारी अपलोड करनी होती है। जब आवेदन स्वीकार कर लिया जाता है, तो संबंधित विभाग किसान से संपर्क करता है और सोलर पंप या प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री कुसुम योजना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि किसानों के लिए नई उम्मीद की एक किरण है। यह योजना न केवल सिंचाई के खर्च को कम करती है, बल्कि किसानों को कमाई का एक नया साधन भी उपलब्ध कराती है। बिजली की समस्या दूर होना, पर्यावरण की रक्षा, और किसान की आर्थिक उन्नति — ये तीनों बातें इस योजना को देश के सबसे महत्वपूर्ण और परभवसाली योजनाओं में से एक बनाती हैं। अगर आप भी किसान हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर लें — क्योंकि अब आपका खेत सूरज की रोशनी से सींचा जाएगा, वो भी बिना किसी खर्च के।