Lado protsahan Yojana:- आज के सामाज में लकड़ियों को बोझ समझा जाता है, लड़कियों को जन्म से ही कुपालन और अशिक्षण जैसी स्थिति से गुजरना पड़ता है, हालांकि आज के कुछ जागरूक युवा लड़का लडकी में भेद नहीं करते है, लेकिन समाज के कुछ व्यक्ति आज भी लिंग भेद करते है और लड़कियों को केवल घर की चारदिवारी तक ही सीमित रखना चाहते है, ऐसे में भारतीय सरकार ने बेटियों के भविष्य के विकास और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए Lado protsahan Yojana की शुरुवात की है, आइए जानते है विस्तार से इस योजना के बारे में और जानते है आवेदन की पुरी प्रक्रिया।
Lado protsahan Yojana क्या है?
Lado protsahan Yojana राजस्थान सरकार द्वारा बेटियों के उज्जवल भविष्य आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए एक सफलतापूर्वक पहला है, इस योजना के तहत राज्य की सभी योग्य बेटियों को ₹1लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जाती है, यह आर्थिक सहायता 7 किस्तो में दी जाती है, पहली किस्त बेटी के जन्म होने पर, 2 किस्त बालिका के टीकाकरण होने पर दी जाती है, तीसरी कक्षा 1 में प्रवेश करने पर, चौथी कक्षा 6 में प्रवेश पर और पांचवी कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर, छटवी किस्त कक्षा 12 में प्रवेश लेने पर दी जाती है, pr लास्ट सातवी किस्त बेटी 21 वर्ष या स्नातक पूर्ण करने पर दी जाती है। जिससे बेटियो के पालन पोषण और शिक्षण में सहायता मिलती है।

Lado protsahan Yojana के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य है, बेटी के जन्म को प्रोत्साहित करना और समाज में फैली रूढ़िवादी धारणाओं को खत्म करना है और समाज में यह सिद्ध करना है की बेटियों का जन्म बोझ नहीं बल्कि परिवार में खुशियां लता है, इतना ही नहीं इस योजना का प्रमुख बेटियों बेटियों के पालन पोषण और शिक्षक को बढ़ावा देना है, ताकि कोई भी बेटी ना रहे। लाडो प्रोत्साहन योजन का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य बेटियों को जन्म से स्नातक की पढ़ाई तक लगातार आर्थिक सहारा देना है। जिससे बेटियां भी समान अधिकार के साथ अपने भविष्य को सुधार सके।
Lado protsahan Yojana से सबसे बड़ा लाभ यह है कि बेटियों के जन्म को लेकर परिवारों में सकारात्मक सोच बढ़ती है। और बेटी के जन्म से ही मिलने वाली आर्थिक सहायता परिवार को यह भरोसा देती है कि बेटी की परवरिश और पढ़ाई के लिए और संसाधन जरुर मिलेंगे।जिससे इस योजना के चलते बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहन मिलता है, और बेटियों की शिक्षा बीच में नहीं रुकती है, इससे बाल विवाह पर भी अंकुश लगता है, क्योंकि परिवार आर्थिक रूप से मजबूत होकर बेटियों की शादी जल्दी करने की बजाय उनकी शिक्षा पर ध्यान देते हैं। योजना से बेटियों के स्वास्थ्य और पोषण पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। कुल मिलाकर इस लाडो प्रोत्साहन योजना के जीवन में कई लाभ है।
Lado protsahan Yojana के लिए पात्रता
- लाभार्थी बच्ची और उसके माता – पिता राजस्थान के निवासी होने चाहिएं।
- लाभार्थी बच्ची का जन्म सरकारी अस्पताल या सरकारी मन्यता प्राप्त निजी अस्पताल में होना अनियार्य है।
- बच्ची को कक्षा 1, 6, 10 और 12 में दी जाने वाली सभी किस्ते तभी मिलेंगी जब बच्ची निरंतर सरकारी विद्यालय में अध्ययन के लिए जाति हो।
- योजना की हर किस्त के लिए जरुरी देस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य कार्ड, स्कूल प्रवेश पत्र, अंकतालिका आदि सही समय पर जमा करवाने अनिवार्य है।
- अंतिम किस्त की शर्त – स्नातक उत्तीर्ण करने या 21 वर्ष की आयु पूरी करने पर ही अंतिम किस्त दी जाएगी।
योजन की आवेदन प्रक्रिया
- आवेदन के लिए सबसे पहले राजस्थान सरकार की अधिकारिक वेबसाइट खोले
- होमपेज पर “लाडो प्रोत्साहन योजना” से संबंधित नवीनतम अधिसूचना या लिंक पर क्लिक करें।
- अब आवदेन फॉर्म भरे जिसमे आवश्यक सभी जानकारी भरे जैसे बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र माता-पिता का आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण (IFSC कोड सहित), स्वास्थ्य कार्ड (यदि उपलब्ध हो) विद्यालय प्रवेश प्रमाण पत्र (यदि बच्ची स्कूल जाती है)।
- अब सभी देस्तावेज़ को अपलोड करें और फार्म सबमिट कर दे।
निष्कर्ष
Lado protsahan Yojana राजस्थान सरकार की बेटियों के लिए एक महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल है, जिसका उद्देश्य जन्म से लेकर स्नातक तक बेटियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत बच्चियों को 7 किस्तों में कुल ₹1.5 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो उनके पढ़ाई और जीवन के विभिन्न पड़ावों में मदद करती है। योजना से परिवारों में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच और लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता है, कुल मिलाकर राजस्थान सरकार द्वारा लाडो प्रोत्साहन योजना बेटियो के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है।