रियल एस्टेट की सबसे बड़ी डील टूटी! दुनिया में सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा बनाने वाली रियल एस्टेट कंपनी Emaar ग्रुप के बीच भारत में एमार इंडिया लिमिटेड की बिक्री को लेकर चल रही बातचीत अब पूरी तरह खत्म हो गई है। लगभग 11,600 करोड़ रुपये (1.4 बिलियन डॉलर) रूपयों की इस डील पर दोनों पक्षों के बीच वैल्यूएशन को लेकर सहमति नहीं बन पाई, जिसके चलते डील पूरी तरह रद्द हो गई . जानकारी के लिए बता दे कि यह अडानी ग्रुप और Emaar की ये डील रियल एस्टेट डील में अभी तक की सबसे बड़ी डील थी। जो अब अधूरी रह गई।
आखिर क्या थी ये बड़ी डील?
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा बनाने वाली मशहूर इमारत डेवेलपर कंपनी “EMAAR Properties” और भारत के सबसे बड़े बिजनेस समूहों में से एक अडानी ग्रुप के बीच एक मेगा रियल एस्टेट डील को लेकर बातचीत चल रही थी। लेकिन यह रियल एस्टेट की सबसे बड़ी डील टूटी! भारत में लग्ज़री रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को लेकर होने वाली थी, जिसकी वैल्यू हजारों करोड़ रुपये आंकी जा रही थी।

आखिर क्यों थी यह डील खास?
यह डील EMAAR की भारत में बड़ी वापसी मानी जा रही थी। क्योंकि अडानी ग्रुप इस साझेदारी से देश के बड़े शहरों में हाई-एंड टाउनशिप और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स शुरू करना चाहता था। डील के सफल होते ही भारत में दुबई स्टाइल की स्काईलाइन विकसित होने की उम्मीद थी। तो यही कुछ जरूरी कारण थे इसलिए यह डील भारत के लिए बहुत खास होने वाली थी।
क्यों आखिर टूट गई यह डील?
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक अडानी ग्रुप और EMAAR के बीच बिजनेस मॉडल्स को लेकर मतभेद शुरू हो गया और यह मतभेद बड़ा रूप लेने लगा। अडानी ग्रुप और EMAAR के बीच मूल्यांकन (Valuation) को लेकर सहमति नहीं बन पाई। और लॉन्ग-टर्म विज़न में टकराव के चलते दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से बातचीत बंद कर दी है। यही कुछ कारण थे जिस कारण से दिल बनते बनते टूट गई।
बिजनेस मार्केट पर इसका असर
- 1. रियल एस्टेट सेक्टर में इस डील को लेकर काफी उत्साह था, जो अब ठंडा पड़ गया है।
- 2. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस डील के टूटने से भारत में विदेशी रियल एस्टेट निवेशकों का भरोसा थोड़ा प्रभावित हो सकता है।
- 3. वहीं, अडानी ग्रुप के निवेशकों में भी थोड़ा निराशा देखी गई, क्योंकि यह डील ग्रुप की रियल एस्टेट उपस्थिति को ग्लोबल लेवलपर ले जा सकती थी।
निष्कर्ष
भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट डील मानी जा रही EMAAR-Adani डील का टूटना निश्चित ही एक बड़ा कारोबारी घटनाक्रम है। हालांकि, यह बाजार के लिए एक झटका हो सकता है, लेकिन साथ ही यह दिखाता है कि बड़े कॉरपोरेट्स भी सही रणनीति और समझौते के बिना आगे नहीं बढ़ते। EMAAR और अडानी ग्रुप की साझेदारी को लेकर जो संभावनाएं बनाई जा रही थीं, वे अब अधूरी रह गई हैं। यह डील सिर्फ दो बड़ी कंपनियों के बीच का समझौता नहीं था, बल्कि यह भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकती थी। अगर यह डील पूरी होती, तो भारत में दुबई जैसी आधुनिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर की गगनचुंबी इमारतों और हाई-टेक टाउनशिप्स का निर्माण शुरू हो सकता था।