दिल्ली मर्डर कैश: नेहा को पांच मंजिल से धक्का देने कातिल आया सामने, जानिए पूरा मामला!

Date:

भूमिका

दिल्ली मर्डर कैश देश में हर दिन कोई न कोई ऐसी घटना सामने आ जाती है जो इंसानियत को झकझोर कर रख देती है। कभी मासूम बच्चियों के साथ अत्याचार, तो कभी प्यार के नाम पर धोखे और हत्या। ये घटनाएं न सिर्फ डर पैदा करती हैं, बल्कि यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आखिर समाज किस दिशा में जा रहा है।ऐसा ही एक दिल दहलाने वाला मामला दिल्ली से सामने आया है, जहां एक 12वीं पास लड़की नेहा को एक युवक ने शादी का झांसा देकर विश्वास में लिया और फिर मौका पाकर 5वीं मंजिल से धक्का देकर हत्या कर दी। आरोपी ने खुद को उसका भाई बताया था, लेकिन उसके इरादे कुछ और ही थे। आज हम जानेंगे इस मामले की पूरी सच्चाई कौन थी नेहा, क्या हुआ उसके साथ, और पूरी घटना।

कौन थी नेहा और क्या हुआ उसके साथ?

नेहा, दिल्ली की रहने वाली एक 19 साल की मासूम सी लड़की थी। एक आम लड़की जो अपनी पढ़ाई और सपनों में लगी थी। उस ने हाल ही में अपनी 12वी कक्षा की पढ़ाई पूरी की थी और आगे की पढ़ाई की तैयारी में लगी हुई थी। पर 24 जून 2025 की सुबह उसके लिए आखिरी साबित हुई एक शख्स, तौफीक, जो खुद को उसका भाई बताता था, बुर्का पहनकर घर में घुसा और नेहा को 5वीं मंज़िल की छत से धक्का दे दिया।उसके पिता उसे बचाने दौड़े, लेकिन उन्हें भी धक्का मार दिया गया। इसी बीच नेहा की मौके पर ही मौत हो गई।

आरोपी तौफीक: कौन है ये शख्स?

तौफीक नाम का सक्स, जो नेहा के परिवार के लिए भरोसे का पर्याय था बना हुआ था — लेकिन नेहा के लिए वही नाम उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा धोखा बन गया। दरअसल दिल्ली के एक सामान्य इलाके में रहने वाला तौफीक, बाहर से देखने पर आम लड़कों जैसा ही था। और उसका कहना था कि उसकी कोई बहन नही है। इस लिए उसने नेहा को अपना भाई बताया। और नेहा भी उस पर भरोसा करती थी। और उस यक्ति ने उनके परिवार के सभी सदस्यों में अपने लिए जगह बना ली थी किसी ने नहीं सोचा था कि यह तौफीक नाम का यक्ति ही नेहा के जिंदगी को खत्म कर देगा।

घटना पर परिवारजनों की प्रतिक्रिया

नेहा के परिवार के लिए यह हादसा किसी भूकंप से कम नहीं था। जिस लड़के को उन्होंने “भाई” का दर्जा देकर अपने घर में जगह दी, उसी ने उनकी बेटी की जिंदगी छीन ली। नेहा को मां का रो रो कर बुरा हाल हो गया है और उनका कहना है की जिस लड़के को उन्होंने ने अपनी बेटी का भाई माना और भरोसा किया उसी ने हमारी बेटी की गांधी छीन ली। उनके पिता ने यह तक कह दिया की उस लड़के को फांसी की सजा होनी चाहिए। अब समाज से सवाल यह बच्चा है की क्या किसी पर भरोसा करना गुनाह है? क्या आज भी महिला पर कोई सुरक्षा है नही है? कब तक यही चलता रहेगा?

पुलिस कैसे पहुंची मुजरिम तक?

जैसे ही नेहा को 5वीं मंजिल से नीचे गिरता देखा गया, स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई।पुलिस को तुरंत सूचना दी गई और टीम मौके पर पहुंची।नेहा को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब जब यह घटना घटित हुई उसके तुरंत बाद पुलिस घर की जांच पड़ताल करने आ गई और FIR दर्ज की गई और पुलिस ने घर के ccty फुटेज चेक किए जिसमे एक बुरका पहन हुए एक शख्स का फोटो कैद हुआ और हावभाव से पाया गया कि यह शख्स और कोई नही बल्कि तौफीक ही था लेकिन उसने अपना गुनाह कबूल नहीं किया। लेकिन जब सबूत और दबाव दिया गया तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

निष्कर्ष

नेहा की मौत कोई संयोग नहीं थी, ये समाज की चुप्पी, अंधे भरोसे और कमजोर चेतना का नतीजा थी। एक लड़की जो पढ़ाई कर रही थी, जो सपने देख रही थी — उसे सिर्फ इसलिए अपनी जान गंवानी पड़ी क्योंकि उसने ‘ना’ कहा था। और जिस पर भरोसा किया, उसी ने पीठ में खंजर घोंप दिया।आज अगर हम चुप रहे, तो कल फिर कोई नेहा मारी जाएगी।यह मामला हमें ये सिखाता है कि:भरोसे से पहले सतर्कता जरूरी है।बेटियों को सिर्फ मोबाइल और कपड़ों की आज़ादी नहीं, सुरक्षित सोच और खुलकर बोलने का हक चाहिए।समाज को अब लिंगभेद, एकतरफा प्यार, मानसिक उत्पीड़न और ‘नामर्द अहंकार’ के खिलाफ आवाज उठानी होगी।हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि नेहा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी कहानी सिर्फ खबर नहीं, चेतावनी बन कर हमारे सामने आई है। अब वक्त है कि हम सिर्फ ‘न्याय’ की मांग न करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related