आखिर क्या है पूरा मामला!
बिहार की राजनीति एक बार फिर तेज टकराव से गुजर रही है। इस बार विवाद की जड़ है खुद लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का निजी खुलासा, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपने 12 साल पुराने रिश्ते का ज़िक्र किया है। यह खुलासा सामने आने के बाद पार्टी और परिवार में बड़ी खलबली मच गई, जिसके बाद लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

वायरल सोशल मीडिया पोस्ट से मचा बवाल!
तेज प्रताप यादव ने हाल ही में एक इमोशनल सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये बात साझा की कि वे पिछले 12 सालों से अनुष्का यादव नाम की लड़की के साथ रिलेशनशिप में हैं।
उन्होंने पोस्ट में लिखा:”मैं तेज प्रताप यादव और मेरे साथ इस तस्वीर में जो दिख रही हैं उनका नाम अनुष्का यादव है! हम दोनों पिछले 12 सालों से एक दूसरे को जानते है और प्यार भी करते हैं… में बहुत दिनों से आपलोगों से यह बात कहना चाहता था पर समझ नहीं आ रहा था कैसे कहूँ…
“इस पोस्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। यह केवल एक प्रेम कहानी नहीं रही, बल्कि एक बड़े राजनीतिक परिवार के आंतरिक हालात भी गंभीर हो गए है अब सवाल यह है कि आखिर तेजप्रताप यादव ऐसा क्यों किया होगा।
लालू प्रसाद यादव का कड़ा फैसला!
कुछ वायरल खबरों के मुताबिक, तेज प्रताप द्वारा पार्टी अनुशासन और पारिवारिक छवि को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियाँ इस फैसले की मुख्य वजह बनीं। लालू प्रसाद का मानना है कि तेज प्रताप का यह कदम पार्टी की साख को ठेस पहुँचा सकता है, खासकर जब बिहार में चुनावी माहौल बन रहा हो। तेज प्रताप की इस पोस्ट के बाद RJD सुप्रीमो और उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
क्या है तेजप्रताप और अनुष्का यादव का रिश्ता
दरअसल लालू प्रताप के बड़े बेटे ने एक पोस्ट के जरिए से अपने 12 वर्ष पुराने निजी रिश्ते का सबके सामने जिक्र किया है। जिसमे उन्होंने अपने और अनुष्का यादव के साथ 12 वर्ष पुराने रिलेशनशिप के बारे में बताया है। हालांकि, RJD और लालू परिवार के कुछ सदस्य इस रिश्ते को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि परिवार की सहमति के बिना तेज प्रताप का इस तरह से खुलकर सामने आना विवाद का कारण बना।
निष्कर्ष
तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव की प्रेम कहानी अब केवल व्यक्तिगत नहीं रही, बल्कि उसने बिहार की राजनीति को एक नई दिशा में मोड़ दिया है। लालू यादव का उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित करना सिर्फ एक राजनीतिक निर्णय नहीं, बल्कि एक पारिवारिक संघर्ष का संकेत है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप इस स्थिति से कैसे बाहर निकलते हैं।