क्या सच में 500 के नोट होंगे बंद?
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) जल्द ही 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर यानी पूरी तरह बंद करने जा रही है। इस खबर के सामने आने के बाद लोगों में हड़कंप मच गया है और कई लोग 2016 की नोटबंदी की यादों को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। कुछ जगहों पर तो लोग अपने 500 के नोटों को लेकर बैंकों की तरफ भी दौड़ पड़े। लेकिन क्या यह खबर सच्ची है? आइए जाने पूरी सच्चाई।

क्या है RBI का फैसला?
अब तक भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की ओर से 500 रुपये के नोट को लेकर कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। न ही वित्त मंत्रालय की ओर से कोई ऐसा बयान आया है जिससे इस वायरल खबर की पुष्टि गई हो। RBI की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसका साफ मतलब यह कि RBI 500 के नोट को चलन से बार नही कर रही है। और इस सूचना से यह जाहिर है कि यह खबर पूरी तरीके से फेक है और ऐसी किसी भी खबरों पर भरोसा ना करें।
क्या है इस खबर की सच्चाई?
PIB Fact Check ने इस वायरल खबर को पूरी तरह फर्जी बताया है। PIB ने ट्विटर पर साफ कहा कि “500 के नोट बंद होने की खबर अफवाह है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।” और ऐसी फर्जी खबरों का केवल मकसद यही है कि लोगों को भ्रमित करना और ध्यान आकर्षित करना। RBI ने ना तो ऐसी किसी खबर की पुष्टि की है और ना ही 500 के नोट को बंद करने के लिए कोई सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है। बहुत से लोग तो इस खबर पर भरोसा करके बहुत तनाव आ गए हैं। अतः ऐसी खबरों पर भरोसा करके केवल तनाव और अपवाह को बढ़ावा देना है।
आखिर कैसे फैली यह अफवाह?
PBI Facts Check मैं इस खबर को पूरी तरीके से फेक बताया है, और इसके अनुसार इस अफवाह की शुरुआत CAPITAL TV नमक यूट्यूब के किसी चैनल से हुई है जिसमें बिना RBI की आधिकारिक पुष्टि के इस खबर को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया है जिसके चलते बहुत से फेसबुक पेज इंस्टाग्राम और गूगल पर भी यह खबर आग की तरह फैल गई है। उन्होंने साफ तौर पर बताया कि इस वायरल दावे में कोई सच्चाई नहीं है।

फर्जी खबरों से कैसे बचें?
ऐसी खबरों से बचने के लिए जरूरी है कि हम किसी भी वायरल मैसेज या वीडियो पर तुरंत यकीन न करें। 500 के नोट बंद होने की खबर जैसी अफवाहों की पुष्टि PIB Fact Check या RBI के आधिकारिक चैनलों से जरूर करें। और केवल सरकार के आधिकारिक चैनलों से ही किसी भी खबर की जानकारी ले। थर्ड पार्टी सोर्स और सोशल मीडिया पर भरोसा ना करें।
निष्कर्ष
सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म आज की तारीख में सूचना का बड़ा स्रोत बन चुके हैं, लेकिन यहां से मिली हर खबर सही हो, ये जरूरी नहीं। 500 के नोट बंद होने की खबर एक उदाहरण है कि कैसे बिना पुष्टि के फैलाई गई बातें लोगों में भ्रम और घबराहट फैला सकती हैं। CAPITAL TV जैसे कुछ यूट्यूब चैनलों ने जब यह दावा किया, तो लोगों ने उसे बिना जांचे सच मान लिया।हम सभी को समझने की जरूरत है कि आर्थिक नीतियों और नोटबंदी जैसे फैसले केवल सरकार और RBI की ओर से ही लिए जाते हैं और इनकी घोषणा हमेशा आधिकारिक माध्यमों से की जाती है। किसी वायरल मैसेज, वीडियो या पोस्ट पर बिना पुष्टि किए प्रतिक्रिया देना या दूसरों से शेयर करना गलत है।